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कोरोना: लक्षण दिखें तो पैरासिटामॉल लें या इबुप्रोफेन, क्या कहते हैं डॉक्टर और वैज्ञानिक?

कोरोना: लक्षण दिखें तो पैरासिटामॉल लें या इबुप्रोफेन, क्या कहते हैं डॉक्टर और वैज्ञानिक?

March 27, 2020, 08:44 PM

नॉवल कोरोनावायरस का सबसे ज़्यादा ख़तरा उन लोगों को है जिन्हें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या दिल से जुडी कोई बीमारी है. ऐसा सिर्फ इसलिए ही नहीं है क्योंकि इन लोगों का शरीर पहले ही इन बीमारियों के कारण कमज़ोर है, बल्कि इसलिए भी क्योंकि ये लोग नियमित रूप से ऐसी दवाओं का सेवन कर रहे हैं जो संक्रमण को बढ़ावा दे सकती हैं. दुनिया की कम से कम एक चौथाई आबादी को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है.


वैज्ञानिकों का मानना है कि ये दवाएं कोरोना संक्रमण को और बढ़ाने के लिए ज़िम्मेदार हो सकती हैं. इसी तरह से जिन लोगों को डायबिटीज होता है उन्हें नियमित रूप से इंसुलिन लेना होता है. यह भी कोरोनावायरस की रोकथाम में मुश्किल खड़ी करता है. ऐसा ही पेनकिलर इबुप्रोफेन के साथ भी है. सोशल मीडिया पर जब इबुप्रोफेन से जुड़े मेसेज फैलने शुरू हुए तो विश्व स्वास्थ्य संगठन को हस्तक्षेप करना पड़ा और उसने भी इबुप्रोफेन से दूर रहने की ही हिदायत दी.

हालांकि इस दिशा में अब तक कोई रिसर्च नहीं हुई है, लेकिन एहतियातन इबुप्रोफेन से दूर रहने को कहा जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र का भी यही कहना है कि फ़िलहाल कोरोना के कारण हुए बुखार से निपटने के लिए पैरासिटामोल लेना ही बेहतर है.

मेडिकल एक्सपर्ट्स की बात मानें तो विशेषज्ञों की ओर से किसी भी तरह की ऐसी सलाह नहीं जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि अगर कोरोनावायरस के लक्षण नज़र आएं तो इबुप्रोफेन का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके साथ ही जो लोग पहले से ही किसी मेडिकल कंडिशन के लिए इबुप्रोफेन ले रहे हैं, उन्हें भी ऐसा नहीं कहा गया है कि वो इसका इस्तेमाल बंद कर दें. अगर उन्हें इसका इस्तेमाल बंद करना भी है तो इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेकर ही कोई फ़ैसला करना चाहिए.

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