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CJI केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, रिटायर्ड जस्टिस एके पटनायक करेंगे साजिश की जांच

CJI केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, रिटायर्ड जस्टिस एके पटनायक करेंगे साजिश की जांच

April 25, 2019, 02:22 PM

साजिश के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए जांच कमेटी का गठन कर दिया है. जस्टिस एके पटनायक की अगुआई में जांच होगी. जस्टिस पटनायक हलफनामे और सबूतों के आधार पर मामले की जांच करेंगे. सीबीआई, आईबी और दिल्ली पुलिस को जस्टिस पटनायक को जांच में सहयोग करने को कहा है. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि CJI गोगोई पर लगाए आरोप इस जांच की परिधि से बाहर होंगे. सिर्फ साज़िश की जांच होगी. जस्टिस पटनायक सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेंगे.

इससे पहले आज यानी गुरुवार सुबह वकील उत्सव बैंस ने अतिरिक्त हलफनामा और सीलबंद सबूत कोर्ट को दिए है. इस दौरान उत्सव ने कहा कि वो एक और हलफनामा देकर कोर्ट को बताना चाहते हैं कि इस पूरे मामले में कोई जज या उनका रिश्तेदार असर डालने वालों में नहीं है. स्पेशल बेंच ने दोनों पक्षों की दलील सुनी.

इस मामले में बड़ी साजिश का इशारा करते हुए अदालत ने कहा कि बड़े और पावरफुल लोग इस साजिश के पीछे हो सकते हैं लेकिन वे जान लें कि वे आग से खेल रहे हैं. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हमारे पास दस्तावेजों का निरीक्षण करने का अधिकार है. विशेषाधिकार वाले दस्तावेजों पर अटॉर्नी जनरल अपना कानूनी तर्क दें. इस पर अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट स्टाफ की नियुक्ति और व्यवहार के नियम बताए.

अटार्नी जनरल ने कहा कि कोर्ट की नौकरी से निलंबित कर्मचारियों ने वकील से सम्पर्क किया था और वो प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस करना चाहते थे. साक्ष्य अधिनियम कहता है कि कोई वकील बिना उसके मुव्वकिल की इजाजत कम्युनिकेशन को नहीं बता सकता, लेकिन यहां तो कोई मुव्वकिल नहीं है. इस मामले में साक्ष्य अधिनियम की धारा 126 लागू नहीं हो सकती. CRPC के सेक्शन 90 मुताबिक कोर्ट को अगर जरूरत लगता है तो वो दस्तावेजों को समन कर सकता है.

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