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झारखंड में धर्म परिवर्तन पर भड़का विहिप, कहा- इसाई मिशनरियां बनीं पूतना

झारखंड में धर्म परिवर्तन पर भड़का विहिप, कहा- इसाई मिशनरियां बनीं पूतना

March 16, 2020, 08:58 PM

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने झारखंड में ईसाई मिशनरियों पर हिंदू समाज को तोड़ने की साजिश में लगे होने का आरोप लगाया है। विहिप ने चेतावनी देते हुए कहा है कि झारखंड में वनवासी समाज की प्राचीन संस्कृति को तोड़ने से ईसाई मिशनरियां बाज आएं, नहीं तो संगठन 'खामोश नहीं बैठेगा।' विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने सोमवार को कहा कि इसाई मिशनरियां झारखंड में राक्षसी पूतना की तरह रूप बदलकर भगवान कृष्ण के समान शक्तिशाली वनवासी समाज को धर्मातरण के जहर से मारने की कुचेष्टा कर रही हैं। विहिप उनके इन कुटिल षड्यंत्रों को सफल नहीं होने देगा।

मिलिंड परांडे ने सोमवार को कहा कि वनवासी समाज के अनेक वीर महात्माओं ने समाज के सम्मान में विदेशी आक्रमणकारियों के खिलाफ संघर्ष करते हुए वीरगति प्राप्त की। इनमें अकबर के खिलाफ महाराणा प्रताप के साथ राणा पूंजा का संघर्ष, भील समाज को साथ लेकर गुरु गोविंद का अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष तथा 1857 में स्वतंत्रता सेनानी टाट्या भील का संघर्ष विश्व विख्यात है।

उन्होंने कहा, "भगवान बिरसा मुंडा ने तो हिंदू समाज की रक्षा के लिए इन्हीं इसाइयों की जेल में ना सिर्फ यातनाएं झेलीं, बल्कि वनवासी समाज की रक्षा करते हुए बलिदान हो गए।"

परांडे ने कहा, "चर्च सीएए के नाम पर लोगों में भय और घृणा का निर्माण करते हुए उन्हें भड़काने का कुचक्र रच रहा है। झारखंड के लोहरदगा सहित देशभर में सीएए विरोध के नाम पर हुई हिंसा भी इसी प्रकार की झूठ और दुष्प्रचार का ही परिणाम थी। मिशनरियों सहित 'सेकुलर गैंग' को इससे बाज आना चाहिए।"

विहिप महामंत्री ने आरोप लगाया कि वनवासियों के बच्चों को बेचे जाने की घटनाओं में संलिप्त जिन ईसाई मिशनरी संस्थाओं को बंद किया गया था, उन्हें कुछ महीनों में फिर से चालू कर दिया गया है।

विहिप ने कहा कि मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक, हाल ही में रांची के आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो और सहायक बिशप थियोडोर मस्करेन्हस सहित ईसाई संस्थाओं और पादरियों का एक प्रतिनिधिमंडल झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिला था। इस प्रतिनिधिमंडल ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध करते हुए आगामी जनगणना सूची में वनवासी समुदाय के लिए 'सरना' कोड को शामिल कर उन्हें अपना अलग धर्म लिखने का विकल्प दिए जाने की मांग की है।

विहिप ने कहा कि हिंदू समाज को तोड़ने की कोशिशें संगठन बर्दाश्त नहीं करेगा।

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