loader
जानिए उन अलगाववादी नेताओं को जिनकी सुरक्षा ली गई है वापस

जानिए उन अलगाववादी नेताओं को जिनकी सुरक्षा ली गई है वापस

February 18, 2019, 12:52 PM

पुलवामा हमले के बाद भारत सरकार ने अलगाववादी नेताओं पर लगाम लगाना शुरू कर दिया है। इसके तहत पहला कदम उठाते हुए सरकार ने उनको दी गई सुरक्षा वापस ले ली है। लेकिन दिलचस्प बात यह भी है कि पाक समर्थक कटटरपंथी सईद अली शाह जिलानी और दूसरे कट्टरपंथियों का सुरक्षा चक्र अभी भी बरकरार है। बीते एक दशक के दौरान विभिन्न अलगाववादियों की सुरक्षा पर सरकारी खजाने से लगभग 15 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

राज्य गृह विभाग के एक आदेश के मुताबिक, ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन मीरवाईज मौलवी उमर फारुक, प्रो अब्दुल गनी बट, बिलाल गनी लोन, शब्बीर शाह और हाशिम कुरैशी को प्रदान की गई सुरक्षा व सुरक्षा वाहन और अन्य सुविधाएं वापस ली जाती हैं। इसके अलावा अगर कोई अन्य सरकारी सुविधा भी इनको प्राप्त है तो वह भी हटाई जाएगी।

मीरवाईज मौलवी उमर फारूक और प्रो अब्दुल गनी बट ने राज्य सरकार द्वारा सुरक्षा वापस लिए जाने पर कहा कि हमने कभी सुरक्षा नहीं मांगी थी। अगर इसे हटाया जाता है तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। इस सुरक्षा को भारतीय एजेंसियां कश्मीर की आजादी पसंद तंजीमों और उनके नेताओं को बदनाम करने के लिए ही इस्तेमाल करती हैं। राज्य सरकार ने खुद ही हम पर खतरे का आकलन कर सुरक्षा दी थी। इसके जरिए हमारी गतिविधियों की निगरानी की जाती थी। अच्छा हो गया है,अब हम आजादी से चल फिर सकेंगे।

बीते एक दशक के दौरान सरकारी खजाने से राज्य में सक्रिय अलगाववादियों की सुरक्षा पर करीब 15 करोड़ खर्च हुए हैं। यह राशि अलगाववादियों को प्रदान किए जाने वाले सुरक्षाकर्मियों , एस्कार्ट , वाहन व अन्य सुविधाओं पर खर्च हुई है। मीरवाईज मौलवी उमर फारुक की सुरक्षा पर ही छह करोड़ की राशि खर्च हुई है।इसमें से 1.27 करोड़ उनके साथ अटैच पुलिस एस्कार्ट पर हुए हैं जबिक उनके घर पर तैनात सुरक्षा गार्द पर 5.06 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। प्रो अब्दुल गनी बट की सुरक्षा पर बीते एक दशक में 2.34 करोड़ की राशि खर्च हुई है, जबकि बिलाल गनी लोन की सुरक्षा पर इस दौरान 1.65 करोड़ और हाशिम कुरेशी की सुरक्षा पर भी करीब डेढ़ करोड़ खर्च किए गए हैं।

Share Now


Your Comments!

महत्वपूर्ण सूचना -भारत सरकार की नई आईटी पॉलिसी के तहत किसी भी विषय/ व्यक्ति विशेष, समुदाय, धर्म तथा देश के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी दंडनीय अपराध है। अत: इस फोरम में भेजे गए किसी भी टिप्पणी की जिम्मेदारी पूर्णत: लेखक की होगी।