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झामुमो की संपत्तियों की CBI जांच मामले में लोकपाल की कार्रवाई पर HC की रोक, कैसे चलीं दलीलें?

झामुमो की संपत्तियों की CBI जांच मामले में लोकपाल की कार्रवाई पर HC की रोक, कैसे चलीं दलीलें?

April 23, 2024, 10:08 PM

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को एक मामले में बड़ी राहत प्रदान की। अदालत ने कथित तौर पर पार्टी से जुड़ी दो संपत्तियों की सीबीआई जांच रिपोर्ट दाखिल करने के बाद लोकपाल को कोई भी ऐक्शन लेने से रोक दिया है।अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अगली सुनवाई यानी 10 मई तक लोकपाल कोई भी कदम नहीं उठाएंगे। यही नहीं जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने लोकपाल के समक्ष शिकायत दायर करने वाले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को भी झामुमो की याचिका पर नोटिस जारी किया।झामुमो ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर के लोकपाल के चार मार्च के आदेश को चुनौती दी थी। लोकपाल पे अपने आदेश में झारखंड की सत्तारूढ़ JMM के स्वामित्व वाली दो संपत्तियों की जांच करने के लिए सीबीआई को निर्देश दिया था। अब दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले में 10 मई को सुनवाई करेगा तब तक इस मामले में लोकपाल कोई भी ऐक्शन नहीं ले पाएंगे। हालांकि अदालत ने सीबीआई को अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में लोकपाल को देने की इजाजत प्रदान कर दी है।झामुमो की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अरुणाभ चौधरी ने पैरवी की। इन्होंने अपनी दलीलों में कहा कि दोनों संपत्तियां झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की हैं। ये संपत्तियां शिबू सोरेन की नहीं हैं। उन्होंने यह भी दलील दी कि चार मार्च का आदेश लोकपाल के अधिकार क्षेत्र से परे था। लोकपाल और लोकायुक्त कानून के तहत जांच केवल एक व्यक्ति के खिलाफ ही शुरू की जा सकती है, किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं।झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील ने यह भी कहा कि चूंकि सीबीआई अपनी पिछली रिपोर्ट में इस निष्कर्ष पर पहुंच चुकी है कि संपत्तियां झामुमो की हैं। इसलिए लोकपाल का आदेश कानून के दायरे से बाहर है।भ्रष्टाचार निरोधक लोकपाल ने दुबे की शिकायत पर सीबीआई को झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन से जुड़ी कथित बेनामी संपत्तियों की छह महीने के भीतर जांच करने का निर्देश दिया है। लोकपाल ने सीबीआई को झामुमो से संबंधित दो संपत्तियों की जांच करने का भी निर्देश दिया है। लोकपाल ने दुबे की पांच अगस्त, 2020 की शिकायत का निपटारा करते हुए यह निर्देश पारित किया।दुबे झारखंड की गोड्डा लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। अधिवक्ता अभिषेक रॉय के माध्यम से उच्च न्यायालय में दायर झामुमो की याचिका में कहा गया है कि लोकपाल का आदेश प्रथम दृष्टया कानून की दृष्टि से खराब और अधिकार क्षेत्र से बाहर है। याचिका में दावा किया गया कि यह आदेश झामुमो की पीठ के पीछे पारित किया गया था। इसमें कहा गया कि आदेश पारित करने से पहले झामुमो को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया और उसे सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया था।

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